- वर्तमान परिदृश्य
- 3 फरवरी‚ 2021 को विज्ञान की प्रसिद्ध पत्रिका ‘नेचर’ (Nature) में प्रकाशित एक नए अध्ययन में पहली बार‚ शोधकर्ताओं ने आइंस्टीनियम (Einsteinium) तत्व के कुछ गुणधर्मों की पहचान की है।
- यह अध्ययन अमेरिका की ‘बर्कले नेशनल लैबोरेटरी’ के वैज्ञानिकों की एक टीम ने रेबेका एबरजेल के नेतृत्व में की।
- पृष्ठभूमि
- अभी तक ब्रह्मांड (Universe) में कुल 118 तत्वों (Elements) की पहचान की जा चुकी है।
- इन तत्वों को एक व्यवस्थित सारिणी में सूचीबद्ध किया जाता है‚ जिसे आवर्त सारिणी (Periodic Table) कहते हैं।
- इन 118 तत्वों में से एक का नाम महान भौतिकविद अल्बर्ट आइंसटीन के नाम पर है।
- आइंस्टीनियम (Es) का परमाणु क्रमांक 99 है‚ जिसके गुणों के बारे में वैज्ञानिक अब तक पता नहीं लगा सके थे।
- वैज्ञानिकों ने इसे प्राकृत अवस्था में स्थिर बनाए रखते हुए इसका एक्स-रे स्पैक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy) अवलोकन करने में सफलता प्राप्त की है।
- समस्या क्या थी?
- आइंस्टीनियम 7वां ट्रांसयूरेनिक (Transuranic) तत्व है।
- ट्रांसयूरेनिक वे तत्व होते हैं‚ जिनकी परमाणु संख्या (Atomic Number) 92 से ज्यादा होती है।
- 92, यूरेनियम की परमाणु संख्या है।
- ट्रांसयूरेनिक तत्व के केंद्र अस्थयी होते हैं और जिसकी वजह से ये रेडियोधर्मी तत्वों की श्रेणी में आते हैं।
- ये रेडियो विकिरण उत्सर्जित कर हल्के केंद्रक वाले तत्व में बदलते रहते हैं।
- आइंस्टीनियम के अध्ययन के लिए उसे स्थिर रखना सबसे बड़ी चुनौती थी।
- महत्वपूर्ण तथ्य
(1) आइंस्टीनियम (Es) की खोज
- आइंस्टीनियम जिसका प्रतीक ‘Es’ है‚ को सबसे पहले वर्ष 1952 में एक न्यूक्लियर टेस्ट के दौरान खोजा गया था।
- यह सबसे पहला सफल हाइड्रोजन बम परीक्षण था।
- प्रशांत महासागर में ‘आइवी माइक’ (Ivy Mike) नामक एक थर्मोन्यूक्लियर वेपन का विस्फोट किया गया‚ जिसके मलबे में आइंस्टीनियम की खोज हुई।
- आइवी माइक का विस्फोटन‚ 1 नवंबर‚ 1952 को दक्षिण प्रशांत में एनीवेटोक एटोल (Eniwetok Atoll) पर एलुगैलाब (Elugelab) नामक एक दूरस्थ द्वीप पर किए जा रहे परीक्षणों का हिस्सा था।
- नोट – आइवी माइक नामक हाइड्रोजन बम टेस्ट के बाद एलुगैलाब नामक द्वीप नक्शे से गायब हो गया।
- इस धमाके से निकलने वाली ऊर्जा नागासाकी (9 अगस्त‚ 1945) पर गिरे परमाणु बम से लगभग 500 गुना ज्यादा थी।
- प्रारंभ में खोज को रहस्य रखा गया। तीन वर्ष पश्चात वर्ष 1955 में अल्बर्ट धियोर्सो ने पहली जेनेवा एटॉमिक कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की।
- वर्ष 1955 में ही वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन का निधन हुआ‚ जिनके सम्मान में इस नए तत्व का नाम आइंस्टीनियम (Es) रखा गया।
(2) आइंस्टीनियम के विशिष्ट गुण

(3) चूंकि‚ आइंस्टीनियम (Es)‚ एक उच्च रेडियोधर्मी तत्व है और इसके सभी समस्थानिकों (Isotopes) की अर्द्ध-आयु काफी कम होती है।
- इस कारण‚ भले ही यह तत्व पृथ्वी की उत्पत्ति के समय पृथ्वी पर मौजूद रहा होगा‚ किंतु वर्तमान समय तक निश्चित रूप से इसका अपक्षय हो चुका है।
(4) शोध अध्ययन का निष्कर्ष
- वैज्ञानिकों ने शोध के लिए आइंस्टीनियम के Es-254 समस्थानिक का प्रयोग किया‚ जो कि आइंस्टीनियम का सबसे स्थिर समस्थानिक है।
- इसके लिए 200 नैनोग्राम आइंस्टीनियम अमेरिका की ‘ओक रिज नेशनल लैबोरेटरी’ में बनाया गया था।
- नोट- 1 नैनोग्राम = 1 × 10–9 ग्राम
- वैज्ञानिकों की टीम आइंस्टीनियम के बांड डिस्टेंस (Bond Distance) या बांड लेंथ (Bond Length) का पता लगाने में सफल रही।
- वैज्ञानिकों ने आइंस्टीनियम का कार्बन‚ ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे परमाणुओं से बंधन दूरी (Bond Distance) का पता लगाया।
- बंधन दूरी पता लगने से आइंस्टीनियम वाले यौगिकों की संरचना का अंदाज लगाया जा सकता है।
- ऐसा पहले संभव नहीं था।
- नोट– समस्थानिक (Isotopes)
- एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या (Atomic Number) समान होती है‚ परंतु परमाणु भार (Atomic Mass) अलग-अलग होता है‚ उन्हें समस्थानिक (Isotopes) कहा जाता है।
- इनमें प्रत्येक परमाणु में समान प्रोटॉन होते हैं‚ जबकि न्यूट्रॉन की संख्या अलग-अलग रहती है।
- हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक (Isotopes) हैं-
- 1H1 (प्रोटियम)‚ 1H2 (ड्यूटेरियम)‚ 1H3 (ट्राइटियम)
- नोट- बांड डिस्टेंस / Bond Length
- साम्यावस्था में स्थित‚ एक अणु के आबंध (Bonded) दो परमाणुओं के नाभिकों के मध्य की औसत दूरी को Bond Length कहते हैं। इसे Å (एंग्स्ट्रॉम : 1Å = 10–10 m) या pm (पीकोमीटर : 1Å = 100 pm) में मापते हैं।
- उदाहरण – H2O (जल)

- अर्थात O–H का Bond Length 95.84 pm है।
- निष्कर्ष
- इस खोज से अब वैज्ञानिकों को आइंस्टीनियम (Es) के नए पहलुओं को जानकारी मिल सकेगी‚ जिससे उसकी उपयोगिता को एक विस्तार मिल सकेगा। साथ ही इस शोध ने इस तरह के दूसरे तत्वों के अध्ययन करने के लिए एक जमीन तैयार की है।