- वर्तमान परिप्रेक्ष्य
- 4 अक्टूबर, 2019 को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 'मौद्रिक नीति समिति' (MPc) ने 'चतुर्थ द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2019-20' (Fourth Bi-Monthly Monetary Policy Statement, 2019-20) जारी किया।
- समिति द्वारा जारी इस मौद्रिक नीति वक्तव्य में 'चलनिधि समायोजन सुविधा' (LAF) के तहत नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों (25 Basis Points) की कमी करने का निर्णय लिया गया।
- अगस्त, 2017 से वर्तमान मौद्रिक नीति तक यह लगातार पांचवां अवसर है, जब समिति ने नीतिगत दरों में कमी करने का निर्णय लिया है, जबकि इस अवधि के दौरान दो बार (जून एवं अगस्त, 2018 में) ब्याज दरों में वृद्धि की गई थी। शेष समय के नीतिगत दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया था। समिति द्वारा लगातार पांचवीं बार रेपो दर में कमी करते हुए अब तक कुल 1.35 आधार अंकों की कमी की गई है।
- महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय
- मौद्रिक नीति समिति (MPc) द्वारा 'चलनिधि समायोजन सुविधा' (LAF) के अंतर्गत रेपो दर (Repo Rate) में तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंकों (25 Basis Points) की कमी करते हुए इसे 5.15 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया गया है।
- ध्यातव्य है कि तृतीय द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2019-20 में रेपो दर (Repo Rate) 5.40 प्रतिशत निर्धारित थी।
- रेपो दर में परिवर्तन (कमी) करने के परिणामस्वरूप'रिवर्स रेपो दर' (ReRepo Rate) भी पूर्व के स्तर (5.65%) से परिवर्तित (कमी) होकर 4.90 प्रतिशत पर समायोजित हो गई।
- 'सीमांत स्थायी सुविधा दर' (MSF) तथा 'बैंक दर' (Bank Rate) भी 25 आधार अंकों की कमी के साथ पूर्व के स्तर (5.65%) से परिवर्तित (कमी) होकर प्रत्येक 5.40 प्रतिशत पर समायोजित हो गए। नकद आरक्षित अनुपात (CRR) तथा एस.एल.आर. (SLR) को पूर्व के क्रमशः 4 प्रतिशत एवं 18.75 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा गया है।
- संभावनाएं
- अगस्त, 2019 के तीसरे द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य में सीपीआई (CPI) मुद्रास्फीति को समान रूप से संतुलित जोखिम के साथ वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के लिए 3.1 प्रतिशत, 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए 3.5-3.7 प्रतिशत तथा 2020-21 की पहली तिमाही के लिए 3.6 प्रतिशत अनुमानित किया गया था।
- जबकि वर्तमान नीतिगत दरों में कटौती के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए समान रूप से संतुलित जोखिम के साथ सीपीआई (CPI) मुद्रास्फीति अनुमान को वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के लिए संशोधित करते हुए 3.4 प्रतिशत किया गया है।
- हालांकि वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही तथा वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के लिए पूर्व के अनुमानों (अगस्त, 2019 में जारी) क्रमशः 3.5-3.7 प्रतिशत तथा 3.6 के स्तर को ही बरकरार रखा गया है।
- मौद्रिक नीति समिति द्वारा अगस्त, 2019 की मौद्रिक नीति में वर्ष 2019-20 के लिए संतुलित जोखिम के साथ वर्ष 2019-20 की पहली तथा दूसरी छमाही के लिए क्रमशः 5.8-6.6 प्रतिशत तथा 7.3-7.5 प्रतिशत की सीमा में 6.9 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर अनुमानित की गई थी।
- जबकि वर्तमान मौद्रिक नीति में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर को संशोधित करते हुए 6.1 प्रतिशत अनुमानित किया गया है। साथ ही वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर को 7.2 प्रतिशत अनुमानित किया गया है।
चतुर्थ द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2019-20