- वर्तमान परिप्रेक्ष्य
- इसरो की वार्षिक रिपोर्ट‚ 2019-20 के अनुसार‚ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) वर्ष 2020-21 में 10 पृथ्वी अवलोकन (Earth Observation) उपग्रहों को लांच करेगा।
- इसमें पहला उपग्रह GISAT-1 को मार्च‚ 2020 में लांच करने की योजना है।
- प्रमुख तथ्य
- रिपोर्ट के अनुसार‚ वर्तमान में 18 संचार उपग्रह‚ 19 पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और 8 नेविगेशन उपग्रह सेवा में हैं।
- इनमें से 3 संचार उपग्रह ‘सैन्य संचार सेवा’ के लिए समर्पित हैं।
- वर्ष 2019-20 के लिए इसरो ने 17 मिशनों की योजना बनाई थी‚ जिसमें से 6 मिशन अभी भी पूरे होने बाकी हैं।
- इसरो ने आगामी वर्ष में 36 मिशनों की योजना बनाई है‚ जिसमें 6 पृथ्वी अवलोकन उपग्रह शामिल हैं। लांच किए जाने वाले पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों में RISAT - 2BR2 भी शामिल है।
लांच किए जाने वाले उपग्रह
- GISAT-1
यह एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है‚ जिसका प्रमुख उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का सर्वेक्षण और आपदा प्रबंधन के लिए वास्तविक समय का चित्रण प्रदान करना है।
- RISAT-2BR2
यह एक उच्च क्षमता वाला एक्स-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार आधारित उपग्रह है। यह उपग्रह कृषि‚ वानिकी और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान करेगा।
- OCEANSAT-3
यह उपग्रह संभावित मत्स्य क्षेत्र और प्राथमिक उत्पादकता जैसी परिचालन सेवाओं को जारी रखने और बढ़ाने के लिए सेवाएं प्रदान करेगा।
- RISAT-1A&2A
RISAT-1A और 2A क्रमश: RISAT-1 और RISAT-2 के लिए सेवाओं की निरंतरता के लिए प्रक्षेपित किया जाएगा।
- HRSAT
इसमें तीन उपग्रहों का एक तारामंडल होगा‚ जिसका प्रमुख उद्देश्य बड़े पैमाने पर कैडस्ट्राल स्तर की मैपिंग‚ शहरी और ग्रामीण नियोजन‚ बुनियादी ढांचा‚ विकास और निगरानी‚ कृषि‚ आपदा प्रबंधन क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करना है।
- RESOURCE SAT-313A
इस उपग्रह को भूमि और जल प्रबंधन के क्षेत्र में निरंतर सेवाएं प्रदान करने के लिए विकसित किया जा रहा है।
- INSAT-3DS
यह मौसम संबंधी पूर्वानुमानों की जानकारी‚ भूमि और समुद्र की सतहों की निगरानी के लिए विकसित किया जा रहा है‚ जो मौसम की भविष्यवाणी और आपदा की पूर्व चेतावनी आदि सूचनाएं प्रदान करेगा।
- Microsat- 2A
इस उपग्रह का शहरी और ग्रामीण प्रबंधन‚ तटीय भूमि उपयोग और विनियमन‚ विभिन्न GIS अनुप्रयोगों में प्रयोग किया जाएगा।
- RESOURCESAT-3S/-3SA
इसके द्वारा बेहतर रिजॉल्यूशन और विस्तृत क्षेत्र के साथ पृथ्वी के संसाधनों की निगरानी की जाएगी।
- निसार
- इस उपग्रह को नासा और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य 3-5 वर्षों की अवधि तक गतिशीलता और तटीय अध्ययन के लिए पृथ्वी के बायोमास‚ क्रायोस्फीयर का वैश्विक कवरेज प्रदान करना है।