- पृष्ठभूमि
- एमनेस्टी इंटरनेशनल मानवाधिकारों के संरक्षण पर केंद्रित एक गैर-सरकारी संगठन है, जिसके विश्वभर में 7 मिलियन से अधिक सदस्य एवं समर्थक हैं।
- वर्ष 1961 में लंदन के बैरिस्टर पीटर बेनेंसन ने इस संगठन की नींव रखी थी।
- यह संगठन मृत्युदंड को क्रूर, अमानवीय और अपमानजनक करार देते हुए सभी मामलों में बिना अपवाद के मौत की सजा का विरोध करता है।
- वर्ष 1977 में जब इस संगठन ने मृत्युदंड को समाप्त करने की दिशा में प्रयास प्रारंभ किए थे, तब मात्र 16 देशों ने ही मौत की सजा को पूर्णतः समाप्त किया था, आज ये संख्या बढ़कर 106 तक पहुंच चुकी है।
- वर्तमान संदर्भ
- एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा प्रति वर्ष विश्व में मृत्युदंड से संबंधित आंकड़ों का प्रकाशन किया जाता है।
- जनवरी-दिसंबर, 2019 की अवधि के दौरान मृत्युदंड के न्यायिक प्रयोग पर आधारित एमनेस्टी इंटरनेशनल की नवीनतम रिपोर्ट 21 अप्रैल, 2020 को जारी की गई।
- इस रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा मृत्युदंड के प्रयोग से संबंधित जो आंकड़े दिए गए हैं, वह न्यूनतम हैं, जबकि वास्तविक संख्या उससे कहीं अधिक हो सकती है।
- रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
- एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, वर्ष 2019 में 20 देशों द्वारा मृत्युदंड की सजा क्रियान्वित की गई।
- वर्ष 2019 में मृत्युदंड के लिए मुख्यतः सर-धड़ से अलग करना, बिजली के झटकों से मारना, फांसी, जहरीला इंजेक्शन, गोली मारना इत्यादि विधियों का प्रयोग किया गया।
- वर्ष 2019 में मलेशिया, नाइजीरिया और श्रीलंका के मृत्युदंड के आधिकारिक आंकड़ों को प्राप्त नहीं किया जा सका है, जबकि वर्ष 2018 में इन देशों में मृत्युदंड का उच्च स्तर पर क्रियान्वयन हुआ था।
- वर्ष 2019 में अफगानिस्तान, ताइवान और थाईलैंड में मृत्युदंड का क्रियान्वयन नहीं किया गया, जबकि वर्ष 2018 में यहां क्रियान्वयन किया गया था।
- Ü वर्ष 2019 के अंत तक कुल 106 देशों ने कानून के माध्यम से सभी अपराधों हेतु मृत्युदंड को समाप्त कर दिया है।
- सऊदी अरब ने अल्पवयस्कों के द्वारा किए गए अपराधों के लिए मृत्युदंड को समाप्त कर दिया।
- Ü इस प्रकार अब तक कुल 142 देश कानून अथवा व्यवहार में मृत्युदंड को समाप्त कर चुके हैं।
- वर्ष 2019 : मृत्युदंड का क्रियान्वयन
- वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में विश्वभर में निष्पादित मृत्युदंडों की संख्या में 5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
- जहां वर्ष 2018 में 690 लोगों पर मृत्युदंड का क्रियान्वयन किया गया, वहीं वर्ष 2019 में यह संख्या 657 थी।
- ज्ञातव्य है कि इन आंकड़ों में चीन के आंकड़े शामिल नहीं हैं, जहां प्रति वर्ष हजारों व्यक्तियों को मृत्युदंड दिया जाता है, परंतु आधिकारिक रूप से इनकी संख्या गुप्त रखी जाती है।
- हालांकि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने वर्ष 2009 से चीन में मृत्युदंड के प्रयोग से संबंधित अनुमानित आंकड़ों को प्रकाशित करना बंद कर दिया है, फिर भी वर्ष 2019 में सर्वाधिक निष्पादित मृत्युदंडों की संख्या चीन में मानी गई है।
- वर्ष 2019 में कुल अभिलिखित मृत्युदंडों में से 86 प्रतिशत मृत्युदंड चार देशों यथा- ईरान, सऊदी अरब, इराक और मिस्र में क्रियान्वित किए गए।
- वर्ष 2019 में सर्वाधिक (251+) मृत्युदंड ईरान में क्रियान्वित किए गए।
- इसके पश्चात सऊदी अरब (184), इराक (100+) तथा मिस्र (32+) का स्थान है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल 22 मृत्युदंड वर्ष 2019 में क्रियान्वित किए गए। संयुक्त राज्य अमेरिका का मृत्युदंड क्रियान्वयन में पांचवां स्थान (चीन को छोड़कर) है।
- एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, वर्ष 2019 में 56 देशों के लगभग 2,307 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई।
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 के अंत तक विश्व में 26,604 व्यक्ति मृत्युदंड के सजायाफ्ता (अभी क्रियान्वयन शेष) हैं।
- वर्ष 2019 में मृत्युदंड की सजा सुनाने वाले शीर्ष पांच देश (चीन को छोड़कर) निम्नवत है -
क्र.सं. | देश | व्यक्तियों की संख्या | |
1 | पाकिस्तान | 632 + | |
2 | मिस्र | 435 + | |
3 | बांग्लादेश | 220 + | |
4 | भारत | 102 | |
5 | जाम्बिया | 101 |
- वर्ष 2019 में 3 देशों यथा- ईरान, सऊदी अरब और दक्षिणी सूडान में 6 ऐसे लोगों को मृत्युदंड दिया गया, जिनकी आयु मृत्युदंड के समय 18 वर्ष से कम थी। इनमें चार व्यक्ति ईरान तथा एक-एक व्यक्ति क्रमशः सऊदी अरब और दक्षिणी सूडान से थे।
- नोट-सऊदी अरब द्वारा 18 वर्ष से कम आयु के अल्पवयस्कों के अपराध में मृत्युदंड की सजा को समाप्त किया गया।
- 27 अप्रैल, 2020 को सऊदी अरब के शाही परिवार द्वारा देश के कानूनों में सुधार करते हुए यह कदम उठाया गया।
- वर्ष 2019 में सऊदी अरब में एक अल्पवयस्क (18 वर्ष से कम आयु) को मृत्युदंड दिया गया था।
- 18 वर्ष से कम आयु के लोगों द्वारा किए गए अपराधों के लिए मृत्युदंड, बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय के विपरीत है, जिसे सऊदी अरब ने मंजूरी दे दी है।
- इन्हीं सुधारों के साथ क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से तमाम सामाजिक और आर्थिक सुधार किए हैं।
- सऊदी अरब में अपराधियों को कोड़े मारने की सजा को समाप्त कर दिया गया है। इसके स्थान पर कारावास और आर्थिक दंड दिया जाएगा।
- रिपोर्ट में भारत
- वर्ष 2016 से वर्ष 2019 तक लगातार भारत में मृत्युदंड का क्रियान्वयन नहीं किया गया था।
- वर्ष 2020 में निर्भया कांड के चार दोषियों को 20 मार्च, 2020 को फांसी की सजा दी गई।
- एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, भारत में 102 व्यक्तियों को मृत्युदंड की सजा वर्ष 2019 में सुनाई गई है।