भारत-सूरीनाम संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक

 


  • वर्तमान परिदृश्य
  • 2 दिसंबर‚ 2020 को ‘भारत-सूरीनाम संयुक्त आयोग‘ की सातवीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई।
  • भारत के विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन तथा सूरीनाम गणराज्य के विदेश‚ अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री राजदूत अल्बर्ट आर. रामदीन ने आयोग की संयुक्त सह-अध्यक्षता की।
  • पृष्ठभूमि
  • भारत और सूरीनाम ने वर्ष 1976 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।
  • भारत ने वर्ष 1977 में पारामरिबो में अपना पहला दूतावास खोला था।
  • सूरीनाम ने वर्ष 2000 में दिल्ली में अपना दूतावास खोला था।
  • सितंबर‚ 1992 में सूरीनाम-भारत संयुक्त आयोग की स्थापना की गई थी। जिससे दोनों देशों के सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच मजबूत सहयोग स्थापित हो सके।
  • सूरीनाम ने वर्ष 1998 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था।
  • सूरीनाम में भारतीय प्रवासियों की जनसंख्या अत्यधिक है‚ जो डचों द्वारा गिरमिटिया मजदूर के रूप में ले जाए गए थे।
  • जिसके कारण हिंदी‚ भोजपुरी को सूरीनाम की क्षेत्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।
  • सूरीनाम में हिंदी भाषा को सरनामी हिंदी कहा जाता है।
  • हाल के वर्षों में दोनों देशों के मध्य संबंधों में तेजी आई है।
  • महत्वपूर्ण तथ्य
  • दोनों मंत्रियों ने विभिन्न मुद्दों पर आपसी सहमति व्यक्त की‚ जो निम्नलिखित हैं-
  • राजनीतिक संवाद प्रगाढ़ करना।
  • द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा।
  • क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय सहयोग।
  • व्यापार और निवेश को बढ़ाना।
  • रचनात्मक उद्योगों की स्थापना।
  • स्वास्थ्य‚ पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली विकसित करना।
  • कृषि‚ खनन‚ ऊर्जा‚ रक्षा‚ सांस्कृतिक और शिक्षा एवं विकास भागीदारी और लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूत करना।
  • रियायती ऋणों के साथ संयुक्त विकास परियोजना को बढ़ाना।
  • भारत द्वारा सूरीनाम में निर्माण विकास परियोजना का शीघ्र कार्यान्वयन करना‚ जैसे-
  • बिजली उत्पादन‚
  • ट्रांसमिशन नेटवर्क‚
  • सामान्य आपूर्ति और पानी की आपूर्ति।
  • जिसका उद्देश्य सूरीनाम की ऊर्जा मिश्रण‚ ऊर्जा सुरक्षा‚ ऊर्जा दक्षता में योगदान देना है।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आपसी सहयोग बढ़ाना।
  • ‘‘सूरीनाम-भारत संयुक्त आयोग’’ के माध्यम से आपसी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना एवं विस्तार देना।
  • वर्ष 2022 में आयोग की बैठक सूरीनाम की राजधानी पारामरिबो में आयोजित की जाएगी।
  • निष्कर्ष
  • भारत-सूरीनाम द्विपक्षीय व्यापार लगभग 228.29 मिलियन डॉलर का है। भारत सूरीनाम को लोहा‚ स्टील‚ मशीनरी आदि वस्तुओं का निर्यात करता है‚ वहीं सूरीनाम से सोना तेल बॉक्साइट आदि वस्तुओं का आयात करता है। सूरीनाम भारत का भरोसेमंद दोस्त है‚ जो विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का सहयोग करता है।