- वर्तमान परिदृश्य
- 24 नवंबर‚ 2020 को भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘‘सहकार प्रज्ञा’’ (Sahakar Pragya) नामक पहल की शुरुआत की गई।
- इस पहल के तहत 45 नई प्रशिक्षण इकाइयों द्वारा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक सहकारी समितियों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- प्रशिक्षण का उद्देश्य गांव के गरीब किसानों को सहकारिता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
- इसका क्रियान्वयन लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारिता अनुसंधान एवं विकास अकादमी (LINAC) के साथ राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC : National Cooperative Development Corporation) द्वारा किया जाएगा।
- नई प्रशिक्षण इकाइयों के कार्य
- नई प्रशिक्षण इकाइयों में किसान प्रतिनिधियों‚ पंचायत स्तरीय अधिकारियों‚ सीबीबीओ कर्मचारियों‚ ब्लॉक एवं जिला स्तरीय अधिकारियों‚ युवाओं‚ महिलाओं‚ प्राथमिक सहकारी समितियों के कर्मचारियों इत्यादि को प्रशिक्षित किया जाएगा।
- इसके अंतर्गत सहकारिता के लिए खाद्य सुरक्षा‚ भंडारण अवसंरचना संचालन‚ समुद्री खरपतवार व बत्तख पालन व्यवसाय‚ मधुमक्खी प्रसंस्करण तथा कृषि व्यवसाय उत्पाद इत्यादि के क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- एनसीडीसी क्या है?
- राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की स्थापना वर्ष 1963 में एक संसदीय अधिनियम द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत सांविधिक निकाय के रूप में की गई थी।
- इसका कार्य कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय मदद प्रदान करना‚ कृषि संबंधित योजनाओं को लागू करना तथा कृषि कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करना है।
- वर्तमान में यह निकाय सहकारिता के क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण उभरता हुआ केंद्र है।
- अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- ‘सहकार प्रज्ञा’ देशभर में लिनाक (LINAC) द्वारा स्थापित और पूरी तरह से एनसीडीसी द्वारा वित्तपोषित है।
- यह किसान केंद्रित कार्यक्रमों की शृंखला का एक नवीनतम महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- ध्यातव्य है कि इससे पूर्व एनसीडीसी ने सहकारी गतिविधियों में युवाओं को शामिल करने के उद्देश्य से ‘सहकार कॉपट्यूब एनसीडीसी चैनल’ (Sahakar Cooptube NCDC Channel) का अनावरण किया था।
- ‘सहकार प्रज्ञा’ 18 क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के विस्तृत नेटवर्क के साथ एनसीडीसी की प्रशिक्षण क्षमता को 10 गुना तक बढ़ाने का प्रयत्न करती है।
- निष्कर्ष
- सहकारिता देश की वर्तमान आवश्यकता के अनुसार बहुत ही महत्वपूर्ण एवं व्यापक क्षेत्र है। गांव-गरीब-किसानों को सहकारिता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘सहकार प्रज्ञा’ प्लेटफॉर्म एक सेतु का कार्य करेगा।