- वर्तमान संदर्भ
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का पहला अंतरग्रहीय मिशन (Interplanetary Mission) 9 फरवरी‚ 2021 को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंच गया।
- यह लाल ग्रह पर मौसम के रहस्यों को जानने के लिए इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण भाग है।
- मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचने वाला संयुक्त अरब अमीरात विश्व का पांचवां और अरब देशों में पहला देश बन गया।
- पृष्ठभूमि
- संयुक्त अरब अमीरात के वैज्ञानिकों द्वारा ‘होप प्रोब’ को संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में विकसित किया गया था।
- इसे 20 जुलाई‚ 2020 को जापान के तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से ‘H2-A’ रॉकेट से लांच किया गया था।
- महत्वपूर्ण तथ्य
(1) ‘होप प्रोब’ मिशन-
- संयुक्त अरब अमीरात ने मंगल ग्रह के वातावरण का पहला एकीकृत मॉडल तैयार करने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में ‘होप’ नामक मंगल (मार्स) मिशन की घोषणा की थी।
- यह अरब जगत का पहला अंतरग्रही मिशन है।
- इस मिशन का आधिकारिक नाम ‘अमीरात मार्स मिशन’ (Emirates Mars Mission – EMM) है।
- ऑर्बिटर को होप (Hope) अथवा ‘अल-अमाल’ (Al Amal) नाम दिया गया है।
- लगभग 1.5 टन वजन वाला यह ‘होप प्रोब’ तकरीबन 55 घंटे में मंगल ग्रह का एक चक्कर पूरा करेगा।
(2) इस मिशन में निम्न उपकरण प्रयुक्त किए गए हैं-

- ‘होप प्रोब’ की मिशन-आयु एक मंगल वर्ष अर्थात एक ‘मार्टियन वर्ष’ (Martian year) है‚ जो पृथ्वी पर लगभग 2 वर्षों (687 दिन) के बराबर का समय है।
(3) होप प्रोब के मुख्यत: तीन उद्देश्य हैं-

(4) इस मिशन को संयुक्त अरब अमीरात की अंतरिक्ष एजेंसी ‘मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर’ द्वारा संचालित किया जा रहा है।
(5) मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करने के साथ ही संयुक्त अरब अमीरात ऐसा करने वाले चार इकाईयों [नासा‚ सोवियत संघ (रूस)‚ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और भारत] की सूची में पांचवें स्थान पर शामिल हो गया है।
(6) वर्ष 2021 में ही संयुक्त अरब अमीरात अपनी स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है।
- स्थापना – 2 दिसंबर‚ 1971
(7) मिशन का महत्व-
- मंगल ग्रह के अतीत की समझ वैज्ञानिकों को पृथ्वी के भविष्य को समझने में मदद कर सकती है।
- मंगल ग्रह पर पानी की उपस्थिति के प्रमाण तथा जैव पदार्थों के अवशेष इस तथ्य की ओर संकेत करते हैं कि‚ यह लाल ग्रह कभी जीवन-योग्य था।
- नोट- मंगल ग्रह संबंधी अन्य मिशन-
- UAE के ‘होप मिशन’ के अलावा‚ अमेरिका और चीन के भी मानव रहित अंतरिक्ष यान आगामी दिनों में मंगल ग्रह पर पहुंचने वाले हैं।
- इन सभी मिशनों को पृथ्वी और मंगल ग्रह के करीबी संरेखण (निकटतम दूरी) का लाभ उठाने के लिए जुलाई‚ 2020 में प्रक्षेपित किया गया।
- चीन का मंगल मिशन ‘तियानवेन-1’ में ‘लैंडर और ऑर्बिटर दोनों शामिल हैं तथा लैंडर मंगल ग्रह की सतह पर उतरकर प्राचीन जीवन के संकेतकों का पता लगाएगा।
- नासा के ‘मार्स‚ 2020 पर्सीवरेंस रोवर मिशन’ के तहत पर्सीवरेंस नामक रोवर मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा।
- यह एक दशक तक चलने वाली अमेरिकी-यूरोपीय परियोजना का पहला चरण होगा‚ जिसमें मंगल ग्रह की चट्टानों के नमूनों को पृथ्वी पर लाकर मंगल पर जीवन के साक्ष्यों की जांच की जाएगी।
- नोट- भारत का मंगल ऑर्बिटर मिशन
- ‘मंगलयान’ के नाम से प्रसिद्ध भारत के प्रथम ‘मंगल ऑर्बिटर मिशन’ (MOM) को 5 नवंबर‚ 2013 को ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (ISRO) द्वारा आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLVC25 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित (लांच) किया गया।
- यह 24 सितंबर‚ 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हुआ।
- उद्देश्य : मंगल ग्रह की सतह और खनिज संरचना के अध्ययन के साथ-साथ मीथेन का पता लगाना।
- मीथेन मंगल पर जीवन का एक संकेतक होगा।
- नोट- संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
- राजधानी : आबू धाबी
- यह फारस की खाड़ी तथा ओमान की खाड़ी तट पर स्थित सात अमीरातों से मिलकर बना है-
- आबू-धाबी‚ दुबई‚ शारजाह‚ अजमान‚ रास अल खइमाह‚ फुजैराह‚ उम अलकुवैन।
- नोट- अमीरात का अर्थ रियासत या राज्य होता है।
- पड़ोसी : सऊदी अरब (रियाद)‚ ओमान (मस्कट)
- निष्कर्ष
- होप मिशन न केवल संयुक्त अरब अमीरात के लिए‚ बल्कि पूरे अरब जगत के लिए काफी महत्वपूर्ण है‚ क्योंकि यह अरब जगत का भी पहला अंतरग्रहीय मिशन है। इस मिशन की सफलता से संयुक्त अरब अमीरात को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी‚ जिससे विज्ञान‚ प्रौद्योगिकी‚ इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्र में निवेश में भी बढ़ोत्तरी होगी।