- वर्तमान परिप्रेक्ष्य
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, ‘अम्फान’ (Amphan) महाचक्रवात से पूर्वी भारत, ओडिशा और बांग्लादेश 18 से 21 मई, 2020 तक प्रभावित हुए हैं।
- 20 मई, 2020 को अम्फान का लैंडफाल (वह स्थान जहां से चक्रवात तट को पार करके भूमि से टकराते हैं) पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश सीमा पर स्थित बरवाली के पास हुआ।
- ‘अम्फान’ महाचक्रवात (Amphan Super Cyclone)
- बंगाल की खाड़ी में वर्तमान समय तक रिकॉर्ड किए गए चक्रवाती तूफानों में सबसे मजबूत तूफान था।
- 17 मई, 2020 को भारतीय मौसम विभाग ने अम्फान को ‘श्रेणी-IV’ (साफिर-सिम्पसन स्केल पर) चक्रवात घोषित किया, परंतु शीघ्र ही अम्फान की श्रेणी को अद्यतन करके ‘श्रेणी-V’ का दर्जा दिया गया।
- इस महाचक्रवात से पूर्वी भारत, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, श्रीलंका, भूटान और बांग्लादेश प्रभावित हुए।
- अम्फान महाचक्रवात वर्ष 2020 में बंगाल की खाड़ी में उठने वाला ‘पहला’ चक्रवात था।
- ‘अम्फान महाचक्रवात’ विशाखापत्तनम से 1020 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुआ।
- ‘अम्फान’ का नाम थाईलैंड द्वारा दिया गया। ‘अम्फान’ नाम की घोषणा वर्ष 2004 में ही कर दी गई थी।
- अम्फान का शाब्दिक अर्थ थाई भाषा में आकाश होता है।
- चक्रवात क्या है?
- ‘चक्रवात’ एक तीव्र ‘भंवर’ या तेज हवाएं हैं, जो उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सुई की विपरीत दिशा में और दक्षिणी गोलार्द्ध्र में घड़ी की सुई के अनुकूल दिशा में इसके चारों ओर घूमती हैं।
- चक्रवात शब्द ग्रीक भाषा के 'Cyclos' शब्द से आया है, जिसका शाब्दिक अर्थ सांप की कुंडली होता है।
- हेनरी पेडिंगटन (Henri Peddington) ने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले तूफानों को 'Cyclones' (चक्रवात) कहा था।
भारतीय मौसम विभाग का उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का वर्गीकरण | ||
गड़बड़ी का प्रकार | हवाओं की गति | |
1 | कम दबाव क्षेत्र | 17 समुद्री मील से कम (< 31 किमी./घंटा) |
2 | अवसाद | 17 से 27 समुद्री मील (31 से 49 किमी./घंटा) |
3 | गहरा अवसाद | 28 से 33 समुद्री मील (50 से 61 किमी./घंटा) |
4 | चक्रवाती तूफान | 34 से 47 समुद्री मील (62 से 88 किमी./घंटा) |
5 | गंभीर चक्रवाती तूफान | 48 से 63 समुद्री मील (89 से 118 किमी./घंटा) |
6 | बहुत गंभीर चक्रवात | 64 से 119 समुद्री मील (119 से 221 किमी./घंटा) |
7 | महाचक्रवात | 120 समुद्री मील और ऊपर (222 किमी./घंटा) |
- तूफानों का नामकरण
- तूफानों का नाम रखने की जिम्मेदारी उस क्षेत्र के मौसम विभाग की होती है, जहां से तूफान शुरू होता है।
- विश्व में 6 क्षेत्रीय विशेष मौसम विज्ञान केंद्र हैं। इनमें से भारतीय मौसम विभाग (IMD) एक है। भारत की जिम्मेदारी ‘उत्तरी हिंद महासागर’ (बंगाल की खाड़ी और अरब सागर) में उठने वाले चक्रवातों के नामकरण की है।
- वर्ष 1953 से अटलांटिक महासागर के आस-पास के देशों ने तूफानों के नामकरण करने की शुरुआत की।
- वर्ष 2004 में भारत की पहल से हिंद महासागर में उठने वाले चक्रवाती तूफानों के नामकरण की व्यवस्था शुरू हुई।
- हिंद महासागरीय तूफानों की नामकरण व्यवस्था में आठ देश शामिल थे, यथा-बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड, श्रीलंका और भारत।
- वर्ष 2018 में 5 नए देश इस व्यवस्था में शामिल हुए, जिनमें क्रमशः ईरान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और यमन हैं।
- भारतीय मौसम विभाग की स्थापना वर्ष 1975 में हुई थी। यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। यह मौसम संबंधी टिप्पणियों, मौसम पूर्वानुमान और भूकंपीय विज्ञान के लिए जिम्मेदार प्रमुख संस्था है।
निसर्ग चक्रवात
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- विश्व के विभिन्न भागों में उठने वाले उष्णकटिबंधीय तूफानों के नाम
- विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में जो उष्णकटिबंधीय तूफान आते हैं, उनको स्थानीय भाषा में अलग-अलग नाम दिया गया है, जैसे-
- चक्रवात - भारत और बांग्लादेश
- हरिकेन - कैरेबियन सागर और द.पू. अमेरिका
- टाइफून - चीन सागर और द.पू. एशिया
- विली-विली - ऑस्ट्रेलिया
- टैफू - जापान
- बैजियो - फिलीपींस
- टारनैडो - संयुक्त राज्य अमेरिका
उष्णकटिबंधीय तूफान ‘क्रिस्टोबाल’ (Cristobal)
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- उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का निर्माण एवं समाप्ति
- उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को ऊर्जा, संघनन प्रक्रिया द्वारा ऊंचे कपासी स्तरी मेघों से मिलती है।
- समुद्रों से लगातार आर्द्रता की आपूर्ति से ये तूफान अत्यधिक प्रबल होते जाते हैं।
- चक्रवातों के स्थल पर पहुंचने पर आर्द्रता की आपूर्ति रुक जाती है, जिससे ये क्षीण होकर समाप्त हो जाते हैं।